पूर्व-पाषाण कालीन हथियार और भारत
पूर्व-पाषाणकालीन उपकरण एक लाख वर्ष पुराने है। ये हथियार या उपकरण छोटानागपुर के पठार ,आंध्र-प्रदेश के कुर्नुल जिले में प्राप्त हुए है। छोटानागपुर में 25000 से 10000 ई.पु. के उपकरण प्राप्त हुए है। हड्डी के उपकरण और जानवरों के अवशेष भी मिले है। शुरू में पत्थर के औजार जैसे हथौड़ा, कुल्हाड़ी, भाले, मूसल बनने लगे और उसके बाद हड्डियों के ,सींगो और हाथी दन्तं के औजार बनाये जाने लगे थे।
आर्यावर्त में पूर्व -पाषाणकाल तीन चरणों मे व्यतीत हुआ।
1.प्राथमिक पूर्व-पाषाण-काल (Early stone Age)
2.मध्य पूर्व-पाषाण-काल (Middle stone Age)
3. उच्च पूर्व-पाषाण-काल (Upper Old stone Age)
आर्यावर्त में पूर्व पाषाण-काल का विकास हिमयुग (pleistocene) में ही हुआ था।
1.प्राथमिक पूर्व-पाषाण-काल (Early stone Age) का अधिकांश समय हिमयुग में व्यतीत हुआ था। इस वक्त के आदिम मानव हाथ-कुल्हाड़ियों का उपयोग करते थे। इस काल मे पर्वतों के अतिरिक्त स्थलों का अधिकतम भाग बर्फ़ अथार्त हिम से ढकें हुए थे। प्रस्तर उपकरणों से काटने का कार्य लिया जाता था। जिसे गाडान्सा कहते है। आर्यावर्त में इस युग के स्थल गोदावरी के मुहाने,पंजाब,सोन नदी-घाटी नर्मदा नदी के तट और तुंगभद्रा और पेन्नार नदी के मध्य भाग है। लगभग 8000 ई.पू० में हिम युग का अंत हो गया। पृथ्वी की जलवायु उष्ण और शुष्क हो गयी। जलवायु के बदलने से उस वक्त के मनुष्य , जीव-जंतुओं और वनस्पतियों में परिवर्तन होने लगा।