रेगुलेटिंग एक्ट और ब्रिटिश शासन
ब्रिटिश शासन की स्थापना से पूर्वतक भारत में राज-काज धार्मिक प्रथाओं एवं रुढ़ियों द्वारा सम्पादित होता था।
• 1757 के पलासी युद्ध और 1764 के बक्सर युद्ध में विजयोपरांत ब्रिटिश अधिकृत भारतीय क्षेत्रों में लिखित तथा विधायिका द्वारा पारित कानून के अनुसार शासन की नींव पड़ी।
◆ ब्रिटिश शासन के अंतर्गत पारित विभिन्न अधिनियम
■ रेग्युलेटिंग ऐक्ट, 1773
• तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड नार्थ द्वारा 1772 ई० में गठित एक गुप्त समिति के प्रतिवेदन पर 1773 ई० में यह ऐक्ट पारित, हुआ इसके द्वारा लिखित संविधान की परिपाटी का शुभारंभ हुआ।
• इस ऐक्ट के तहत मद्रास तथा बम्बई प्रेसीडेंसी, बंगाल प्रेसीडेंसी के अधीन की गयी तथा बंगाल के गवर्नर को तीनों प्रेसीडेंसियों का गवर्नर जनरल बना दिया गया ।
• कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई; इसकी अधिकारिता बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा तक सीमित; एक मुख्य न्यायाधीश एवं तीन अन्य न्यायाधीश; पहला मुख्य न्यायाधीश सर एलिजा एम्फ्री।
चार व्यक्तियों की परिषद् की स्थापना, गवर्नर जनरल द्वारा निर्णय लेने के लिए तीन का समर्थन जरूरी हुआ।
• इस अधिनियम के तहत वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया। वारेन हेस्टिंग्स को ही ब्रिटिश भारत के प्रथम गवर्नर जेनरल होने का श्रेय प्राप्त है। ◆ ईस्ट इण्डिया कम्पनी के कर्मचारियों में व्याप्त अनुशासनहीनता तथा स्वार्थपरक प्रवृत्ति के कारण कंपनी को हुई क्षति पर रिपोर्ट देने के लिए गठित समिति के प्रतिवेदन पर पारित हुआ।
कंपनी के संचालक मंडल में सदस्यों की संख्या 24 थी जिनका कार्यकाल 04 वर्ष कर दिया गया तथा भारत से वापसी के दो वर्ष बाद ही कोई व्यक्ति कंपनी के संचालक मंडल का सदस्य बन सकता है।
वारेन हेस्टिंग्स का जन्म 6 दिसंबर 1732, चर्चिल , यूनाइटेड किंगडम में हुआ था। वारेन हेस्टिंग्सएक।क्लर्क के रूप में भारत आया।
1773 ई. के ‘रेग्युलेटिंग एक्ट‘ के द्वारा उसे 1774 ई. में बंगाल का गर्वनर-जनरल नियुक्त किया गया। अपने प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत वारेन हेस्टिंग्स ने सर्वप्रथम 1772 ई. में ‘कोर्ट ऑफ़ डाइरेक्टर्स’ के आदेशानुसार बंगाल से ‘द्वैध शासन प्रणाली’ की समाप्ति की घोषणा की, और सरकारी ख़ज़ाने का स्थानान्तरण मुर्शिदाबाद।से कलकत्ता किया। हेस्टिंग्स का मत था कि, समस्त भूमि शासन् की है। राजस्व सुधारों को व्यवस्थित करने के लिए उसने परीक्षण तथा अशुद्धि के नियम को अपनाया।