मौर्यकालीन इतिहास के तथ्य
मौर्य-शासन काल भारतीय इतिहास में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। इस काल के अध्ययन के लिए प्रयाप्त महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध है। इस कारण मौर्य काल को “प्रकाशमय युग “ के नाम से जानते है। इसी समय से भारत के इतिहास का क्रमबद्ध विवरण शुरू हुआ।
मौर्यकालीन इतिहास के कई साधन प्रामाणिक और विविध प्रकार के है। चंद्रगुप्त मौर्य सिकंदर का समकालीन था। कहा जाता है कि स्वयं सिकंदर से मिला था। मेगस्थनीज पाटलिपुत्र में यूनानी राजदूत था।
मेगास्थनीज के बाद के विख्यात लेखको के रचनाओं में मौर्यकालीन इतिहास को जानकारी प्राप्त होती है।
1. स्त्राबो ( Strabo 64-19 BC) — स्त्राबो एक विख्यात यूनानी भूगोल शास्त्री और इतिहासकार था। उसका जन्म एशिया माईनर के असमिया प्रान्त में ईसा के 64 वर्ष पूर्व हुआ था। इन्होंने 43 खंडों में एक पुस्तक की रचना की थी जिसका आधार मेगास्थनीज और पूर्व के यात्रियों के यात्रा वृतांत पर आधारित है। स्त्राबो के 17 खंडों में लिखा गया पुस्तक ‘ जयोग्राफिका ‘ में यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बारे में वर्णन है। जयोग्राफिका के 15 वे भाग का प्रथम अध्याय भारत के संबंध में है।
2. डायोडोरस ( Diodoros C, 36 BC ) इन्होंने मेगास्थनीज के यात्रा वृतांत के आधार पर एक यात्रा वृतांत लिखा।
3. प्लिनी ( Pliny 75 A.D) प्लिनी का जन्म आज से करीब दो हजार वर्ष पूर्व 23 या 24 ई. में नोविन कॉम्यूम नामक स्थान पर हुआ था जिसका आधुनिक नाम कोमो है और यह इटली का एक शहर है. वहीं प्लिनी के परिवार के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी तो मौजूद नहीं है लेकिन उनसे जुड़े जो भी दस्तावेज इत्यादि मौजूद हैं उसके आधार पर उनकी सिर्फ एक बहन ही थी। प्लिनी द्वारा किए गए उनके कार्यों के लिए उन्हें रोम के इतिहास में उच्च स्थान प्राप्त है, वहीं प्लिनी ने न केवल रोम बल्कि पूरी दुनिया को पहला विश्वकोश दिया था उसके द्वारा रचित पुस्तक नेचुरल हिस्ट्री, लाइफ़ ऑव पांपिनियस
डूबियस लैंग्वेज, कॉस्मोग्राफ़ी थी। इनमे ‘ नेचुरल हिस्ट्री’ में यूनानी वृतांतों के आधार ओर भारत का वर्णन है।
4. एरियान (Arrian C. 130 A.D) यूनिन यात्री और लेखक निआरकस , मेगास्थनीज और एराटोस्थनीज़ के रचनाओं के आधार पर इसने भारत का यात्रा वृतांत लिखा है। सिकंदर के भारत और आसपास के अभियान का सबसे अच्छा वृतांत इसी ने लिखा है।
5.प्लूटार्क ( Plutarch 45-125 A.D) प्लूटार्क एक यूनानी इतिहासकार था। उसका मूल नाम ‘प्लूटार्कोस’ था। पैरेलेल लाइव्स‘ और ‘मोरालिया‘ प्लूटार्क की प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। इसने ही बताया था कि सिकंदर, चंद्रगुप्त का समकालीन थे।
6. जस्टिन ( Justin , दूसरी शताब्दी A.D) इसने ‘ एपीटोम’ एक सार-संग्रह की रचना की थी। ‘ एपीटोम ‘ की बारहवें खंड में भारत देश का वर्णन मिलता है।
7. मेगास्थनीज (Megasthiniz, 350 BC -290 BC)
यह एक ग्रीक इतिहासकार और विद्धवान था। युनानी सामन्त ‘ सेल्युकस’ साम्राज्य विस्तार की इच्छा से 305 ई. पू में भारत पर आक्रमण किया था। सेल्युकस को चंद्रगुप्त मौर्य से संधि करनी पड़ी थी। मेगास्थनीज़, सेल्युकस के राजदूत के रूप में चंद्रगुप्त के दरबार मे 298 ई.पू से 302 ई.पू के मध्य था। मेगास्थनीज अपनी पुस्तक में भारत के बारे विस्तृत रूप से लिखा था। मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र तक पहुँचने के लिए उसे ईरान से बहुत लंबा सफर तय करना पड़ा रहा।