प्रकाश (what is Light ?)
प्रकाश what is Light ?
प्रकाश वह भोतिक कारण है, जिसके द्वारा हमें वस्तुओं को देखने की अनुभूति प्राप्त होती है ।
वास्तव में प्रकाश एक ऊर्जा है, जिसकी अनुभूति हम ऑँखों द्वारा करते हैं ।
प्रकाश की उत्पत्ति के मुख्य सिद्धांत
1. कणिका सिद्धान्त न्यूटन
2. तरंग सिद्धान्त हाइजिन
3. फोटोन सिद्धांत आइंस्टीन
प्रकाश तरंग-अनुप्रस्थ एवं विद्युत चुम्बकीय तरंग होती है ।
प्रकाश की तीव्रता के आधार पर वस्तुओं के निम्न भाग किए जाते हैं-
(1) प्रदीप्त वस्तुएँ– प्रदीप्त वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं, जो अपने स्वयं के प्रकाश से प्रकाशित होती हैं। जैसे-सूर्य, विद्युत बल्ब आदि ।
(2) अप्रदीप्त वस्तुएँ-अप्रदीप्त वस्तुएँ, वस्तुएं हैं, जिनका अपना स्वयं का प्रकाश नहीं होता, लेकिन उन पर प्रकाश डालने पर वे दिखायी देने लगती हैं। जैसे-मेज, किताब, कुर्सी आदि ।
(3) अर्द्धर्पारदर्शक वस्तुएँ-कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं, जिन पर प्रकाश की किरणें पड़ने से प्रकाश का कुछ भाग तो अवशोषित हो जाता है, व तथा कुछ भाग बाहर निकल जाता है । जैसे-तेल है लगा हुआ कागज।
(4) पारदर्शक वस्तुएँ– पारदर्शक वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनमें होकर प्रकाश की किरणें निकल जाती हैं। जैसे – काँच।
(5) अपारदर्शक वस्तुएँ-अपारदर्शक वस्तुएँ वे हैं, जिनमें होकर प्रकाश की किरणें बाहर नहीं निकल पातीं। जैसे-धातुएँ आदि ।
प्रकाश का परावर्तन
(Reflection of Light)
प्रकाश का परावर्तन निम्न दो नियमों के अनुसार होता है-
(1) आपतित किरण, अपवर्तित किरण एवं आपतित बिन्दु पर डाला गया अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं।
(2) आपतन कोण का मान परावर्तन कोण के बराबर होता है । यदि i आपतन कोण व r परावर्तन कोण हो तो L i = L r
समतल दर्पण प्रकाश का सबसे अच्छा परावर्तक माना जाता हैं।
प्रकाश का अपवर्तन
(Refraction of Light)
प्रकाश का एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करते समय उनकी (दोनों माध्यमों की) सीमा पर अपने रेखीय पथ से विचलित होना
ही प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं।
अपवर्तन का नियम-
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण एवं आपतन बिन्दु पर डाला गया अभिलम्ब एक ही तल में होते हैं।
(ii) sin i/sin r ) = नियतांक μ (अपवर्तनांक)
जहाँ i= आपतन कोण, r = अपवर्तन कोण।
(ii) दूसरा नियम स्नेल नियम भी कहलाता है।
* जब प्रकाश की कोई किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो वह दोनों माध्यमों के पृष्ठ पर खींचे गए अभिलम्ब की
ओर झुक जाती है।
* जब प्रकाश की कोई किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अभिलम्ब से दूर हट जाती है।
प्रकाश के अपवर्तन के उदाहरण
(1) पानी में पड़ी हुई कोई लकड़ी बाहर से तिरछी दिखायी देती है।
(2) रात्रि के समय तारों का टिमटिमाना।
(3) जल के अन्दर पड़ी मछली अपनी वास्तविक गहराई से कुछ उठी हुई दिखाई देती है।
प्रकाश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
1.प्रकाश कैसी तरंग है और निर्वात में इसकी चाल कितनी है? उत्तर- विधुत चुम्बकीय अनुप्रस्थ , 3× 108 m/s है। 2. जिन पदार्थो से प्रकाश बाहर नहीं आता है उसे क्या कहते है ? उत्तर- OPAQUE (अपारदर्शी) 3. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब कैसा होता है ? उत्तर- बिंब(OBJECT) के समान सदृश ,समतल दर्पण के उतना ही पीछे (समान दुरी ) , काल्पनिक और सीधी होती हैै।