सिसोदिया महल

सिसोदिया रानी का महल जयपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर जयपुर-आगरा रोड पर अवस्तिथ है। इस बाग का निर्माण सन 1728 ई. मे सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा करवाया गया था। यह वही महल है जहाँ सवाई जयसिंह द्वितीय की पत्नी एवं उदयपुर की युवरानी चंद्रकवर सिसोदिया ने माघो सिंह को जन्म दिया था।
महल में एक मंडप है जो बरामदों एवं गलियारों से घिरा हुआ है। इसके नीचे तहखाने बने हुए है। सामने ऊँची-नीची छतों से निर्मित एक उद्यान है। उद्यान को मुगल शैली में रखा गया है और यह एक बहुस्तरीय बहुस्तरीय उद्यान है जिसमे जिसमें फव्वारे, पानी के गलियारें और कई चित्रित मंडप हैं।

मुगल और राजस्थानी शैली मे निर्मित यह उद्यान सुंदर परिदृश्य, ठंडी हवा और ताजी हवा का आनंद लेने के लिए रानी के लिए एकदम सही जगह थी। इस उद्यान का निर्माण शहर के प्रदूषण और कोलाहल से दूर कुछ दूरी पर निर्मित किया गया है। उद्यान में बना महल राधा -कृष्ण के प्रेम को दर्शाती हैं। महल के दीवारें और प्रांगण उनके जीवन से जुड़े चित्र और कलाकृतियों से सारोबर है।
इस उद्यान का दर्शन करने के लिए सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। चारो तरफ हरियाली और पर्वत शृंखलाओं से घिरी यह बाग मन को प्रफुल्लित करने वाली है।
सितंबर, अक्टूबर का माह यहाँ आने के लिए उपयुक्त वक्त है।
जिसमे इंडियन के लिए इंट्री शुल्क 50 रुपयें निर्धारित है।
विदेशियों के लिए एंट्री शुल्क 200 रुपये निर्धारित है।