सिन्धु और उसकी सहायक नदियाँ
सिंधु नदी की सहायक नदियां
सिन्धु नदी उद्गम मान-सरोवर के निकट सिन-का-वाव नामक जलधारा है। सिन्धु नदी घाटी के अपवाह क्षेत्र में लगभग 30 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। भारत-पेज सिन्धु जल समझौता में पाक के लिए सुरक्षित नदियों के जल में से 4.4 मिलियन क्यूबिक मीटर भाग भारत का हैं।
सिन्धु और उसकी सहायक नदियाँ चार देशों तक फैला है। सिंधु तंत्र का दायरा बहुत ही विस्तृत है।जिसमे सिन्धु नदी पाकिस्तान 47%, भारत 39% , चीन ৪% और अफगानिस्तान में 6% बहती है।
खूबसूरत सिन्धु नदी
भारत में सिंधु घाटी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, हिमाचल पंजाब, हरियाणा,राजस्थान के कई क्षेत्र सिंधु घाटी के दायरे में आते हैं। पाकिस्तान की 90 प्रतिशत कृषि सिंधु पर निर्भर रहती है। पाकिस्तान का 7,96,095 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल सिन्धु नदी के जल अपवाह क्षेत्र के दायरे में आता है।
(सिंधु और सहायक नदियों का क्षेत्र)
झेलम नदी
जम्मू कश्मीर के शेषनाग से शुरू यह 725 किमी लंबी नदी सीमा के समानांतर बहती हुई चिनाब नदी में मिलती है।
चेनाब नदी :- 960 किमी लंबी यह नदी हिमाचल से शुरू होकर जम्मू व कश्मीर से होते हुए पाक में सिंधु नदी से जाकर मिलती है।
रावी नदी- 720 किमी लंबी नदी रोहतांग दर्रे से निकल कर हिमाचल, जम्मू कश्मीर व पंजाब होते हुए पाक से बहती हुई चिनाब में मिलती है।
व्यास नदी:- 470 किमी लंबी नदी रोहतांग के व्यास कुंड से निकल पंजाब (भारत) से होते हुए आर्की में सतलुज नदी में मिलती है।
सतलुज
इस नदी का उद्गम मानसरोवर झील के निकट 4600 मीटर की ऊँचाई पर राकस-ताल है। स्थानीय भाषा मे राकस ताल को चेन-खंभाव कहते है। भारत मे हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पूर्व यह नदी पश्चिम दिशा में मुड़ कर कैलाश पर्वत के ढाल पर बहती हैं। यहाँ से यह नदी गहरे खड्डे से होते हुए हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में “शिपकी-ला” दर्रे से होते हुए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती हैं।

हिमाचल में बहते हुुए यह नदी पंजाब के नांगल मेंं प्रवेश करने से पूर्व इस नदी पर कुछ किलोमीटर पहले हिमाचल में भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण किया गया है। बांध के पीछे एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे गोविंद सागर जलाशय कहते है।
पंजाब के प्रवेश करने के बाद दक्षिण-पूर्व में रोपड़ जिले में शिवालिक पहाड़ियों में बहती है। रोपड़ जिले में ही यह नदी पहाड़ से मैदान में उतरती है। यहाँ से सतलज नदी पश्चिम दिशा की ओर तेज़ी से मुड़ती हैं। हरिके में ही व्यास नदी, सतलज से मिलती हैं। जहाँ से ये नदी दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ कर भारत-पाकिस्तान के मध्य सीमा का निर्धारण करती है। इसके पश्चाद सतलज नदी कुछ दूरी के लिए पाकिस्तान में फाजिल्का के पश्चिम में बहती है। बहलपुर के निकट पछिम में चेनाब नदी से मिलती है।