पूर्व पाषाण युग
लाखो वर्ष बीतने के बाद कई बृहदआकार वाले जंतु या तो नष्ट हो गये अथवा उनका शरीर छोटा हो गया। इस युग में ओरेंग, ओटरंग,चिपेंज़ी और अन्य लंगुरो से मानव की उत्पत्ति हुई । प्रो. ल्युकस ने इस युग में मनुष्य की उत्पत्ति का समय पांच लाख वर्ष पूर्व निर्धारित किया है।
प्रारम्भ में मनुष्य और जानवर में कोई विशेष अंतर नहीं था दोनों का जीवन एक ही तरह बीतता था प्रारम्भ में मानव को प्राकृतिक आपदाओं तथा अन्य हिंसक पशुओ के विरूद्ध अति संघर्ष करना पड़ा | इसके लिए मानव ने अनेक हथियार तथा औजार का आविष्कार किया | ये औज़ार पहले तो पाषाण के बनने लगे उसके बाद धातुओ के बनने लगे।
पाषण हथियारों तथा औज़ारो के आधार पर प्रगेतिहासिक काल कों दो भागों में विभक्त किया जाता है ।
- पूर्व पाषाण युग ( paleolithic Age ) :- साधारणत ५०००० वर्ष ई. पूर्व से १०००० ई. पूर्व तक के काल को पूर्व पाषाण युग माना जाता है। इस समय का मानव बहुत ही बर्बर और जंगली जानवरों को मरकर अपना पालन पोषण करता था। आवास और जीविका का कोई ठोस आधार नहीं था। मनुष्य का जीवन बहुत ही संघर्षमय था। हिंसक जानवरों के कारण उसका जीवन हमेशा खतरे में रहता था। आदि मानव नंगे रहते थे बिजली की चमक, बादलो की कड़क और वर्षा की बौछारों से बचने के लिए गुफाओ में शरण ले लिया करते थे। कुछ समय बीतने के बाद मानव में लज्जा , शर्म की भावना पैदा हुई तो उसे शरीर ढकने की आवश्यकता महसूस हुई। इस कारण से मनुष्य अपना तन को ढकने के लिए पेड़ो के पत्ते , छाल आदि का प्रयोग करने लगे | आगे चल कर मानव , जानवरों की खाल का प्रयोग तन ढकने के लिए करने लगे।|
मानव ने अपने जरुरत के मुताबिक अनेको प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और हथियारों का आविष्कार किया। शुरु मे अस्त्र-शस्त्र नाखुन, हाथ-पेर, दंत इत्यादि थे