जीव विज्ञान एवं चिकित्सा शास्त्र के आविष्कार
जीव विज्ञान एवं चिकित्सा शास्त्र से संबंधित आविष्कार एवं आविष्कारक
कोशिका की खोज — रोबर्ट हुक (इंग्लैंड)

एणटीसेप्टिक चिकित्सा — लॉर्ड जोसेफ लिस्टर (ग्रेट ब्रिटेन) (1867)
जेनेटिक कोड – हरगोविंद खुराना (भारत)
हैमिओपैथी – हैनिमैन (जर्मनी)
एण्टीपोलियो टीका – जोनास इ० साक् (अमेरिका) (1953)
बेरी-वेरी का कारण आइजक मैन
वैक्टीरिया — ए० बी० लिवेनहॉँक (हॉलैंड)
हैजा के जीवाणु — राबर्ट कोच (1814)
क्लोरोफार्म — सिम्पसन एवं हैरिसन
रक्त परिसंचरण-विलियम हार्वे (इंगलैंड) (1628)
डी० एन० ए० की संरचना—सर वॉटसन एवं क्रीक
कुष्ट रोग के जीवाणु —- हैनसन
कीटाणु (Germs).सिद्धांत—लुई पाश्चर
हाइड्रोफोबिया या रेबिज — लुई पाश्चर
होमियोपैथी — सी० एफ० एस० हैनीमैन (संस्थापक) ( जर्मनी) (1780)
डिप्थीरिया रोग के जीवाणु- क्लेब्स और लोफ्लर
इन्सुलिन – एफ० बेटिंग (कनाडा) 1923
काला ज़ार — यू ० एन० ब्रम्ह्चारी
अल्ट्रावायलेट किरणों का चिकित्सीय महत्व – फ़िनसेन्
पेंसिलिन — अलेक्सेंडर फ्लेमिंग
ट्यूबरकुलोसिस का बैक्टेरिया — रोबर्ट कोच
चेचक का टीका — एडवर्ड जेनर
विटामिन डी – ए० गोलेण्ड हॉपकिंस (इंग्लैंड) 1922 ई.
राइबोसोम – पालाड
अतिसार एवं प्लेग के जीवाणु – किराजाटो
क्लोरोफॉर्म – सिम्पसन और हैरीसन
रक्ताधान — कार्ल लेंडस्टैनर (ऑस्ट्रिया) 1930
पीत ज़्वर का कारण — रीड
स्टेथस्कोप – लैनैक
मलेरिया के रोगाणु – रोनाल्ड रॉस
एस्प्रिन — ड्रेसर (जर्मनी)
आर० एच फैक्टर — कार्ल लार्डस्टेनर
एमिनो एसिड – गोलेण्ड हॉपकिंस (इंग्लैंड)
ताप क्रम मापने की विधि — फारेनहाइट, रोमर, सेल्सियस
थर्मामीटर (डॉक्टरी) – फारेनहाइट (जर्मनी) 1720 ई.
जेनेटिक्स – बेटेसन
द्वि नाम पद्धत्ति – लीनियस
टेरामाईसीन – एक एंटीबायोटिक है। यह आवश्यक प्रोटीन जो महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए बैक्टीरिया के लिए आवश्यक हैं, के संश्लेषण को रोक कर बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। इसकी खोज — फिनले ने की थी।
डी०एन०ए — जेम्स वाटसन और क्रैक
विटामिन “सी” — युज़ोक्स होलक्ट
ह्रदय प्रत्यारोपण — क्रिचिश्यन बनार्ड
विटामिन — फंक
सिफिलिस की चिकित्सा — पाल एरिल
क्लोरोक्विन (कुनैन) — रेबी
टायफॉइड के जीवाणु — रो बर्थ
रुधिर समुह – कार्ल लेंड स्टीनर
रुधिर परिवहन – विलियम हार्वे (1928 ई.)